*नशा मुक्ति स्लोगन* नशा नाश है,जीवन बहुत खास है। नही छुटा तो,शरीर ज़िंदा लाश है।। टूटते सपनें,कब गिर जाए अरमां है। लत लगी तो,पूरा जीवन सर्वनाश है।। रोज नशे के घुटके से,होश ...
अगर तुम मिलो किसी मोड़ पर, इंतेज़ार भी हम तुम्हारा कर लेंगे। किसी रोज देर भी हो जाये तो, इंतेज़ार भी हम तुम्हारा कर लेंगे। अगर चाँदनी चाँद से नाराज हो तो, मानने की कोशिश दिल से कर ...
अजब ख़ालीपन है, तुझसे जुड़ा मन है। कटती अकेली राते, ज़िन्दगी तू अपनापन है। वक्त तो खामोश है, तुझमें कुछ सूनापन है। संघर्षों के तहरीज में, जिंदगी सर्वसम्पन है। चलना तो ज़िन्दगी ...
हाय! क्या रात आई, अफसानों को साथ लाई। कहनी थी जो बात जरूरी, बात जुबां से निकल ना पाई। घाव जख्मों से हरे भरे है, बेहाया मरहम साथ ना लाई। जख्मों को खुरद-खुरद कर, तन्हा कर मुझे हो गई ...
सोचिए तो ज़रा! ये इंसान कहाँ, किस ओर चल रहा है। इंसानियत के फ़रेब से, दुकान चला रहा है। कुछ करते सही, कोई अपराध कर रहा है। मासूम चीखे डरती, न्याय घुटने टेक रहा है। झूठ के अँधियारो...
नयन अब तरस गये, जून आग सुलगाये, गर्मी के जुल्मों के साये, बादल अब गड़गड़ाये। रुक न हिमालय की चोटी पर, आ ओ बदरा प्यारे। इठला उठी हिरनी की टोली, पँछी घोंसला बनाये, जल्द आना आहिस्ता ...
एक परछाई देखी है, एक सच्चाई देखी है, उड़ते अरमानों से, अपनों की जुदाई देखी है। आँखों से अश्को को, छिप-छिप रूलाई देखी। एक लड़ाई देखी है, एक अंगड़ाई देखी है, मिलते हुये प्यार की, पल-पल ...
पेंसिल लिखकर में मिट जाती, मुझे बात समझ न आती। लम्बी मेरी कद काठी, आखिरी में बौनी हो जाती। साफ सुथरी मेरी थाती, पैनी नोंक से लिख जाती। मोटे बारीक़ अक्षर बनाती, रंग बि...
अनजाने से रिश्ते मिलके गले लगे, आबाद हुए रिश्ते, इठला के मुस्कुराने लगे, एक दूजे को समझते। मतभेद एक दूजे के, टकराहट से रिश्ते, घर की खुशियां रूठ गयी, अनजाने से रिश्ते। मिलके ...
शब्दों के समंदर का राग, हिंदी के कवि हो आप, जीवन मे खुशियों का पैगाम, आप श्री डॉ. कुमार विश्वास। शिल्पकार आप काव्य के, ज्योति शब्दों की आप आस, शब्दों का आप ताज पहनें, आप श्री डॉ.क...
लो भा गया ये जमाना लो भा गया ये जमाना, कितनी बार कितना मुस्काना। रंजिश का ये खेल पुराना, मुश्किल है रिश्ते बचाना। ओझल नयनों के सपनों से, अपना इक आशियाना बनाना। कितने सावन बी...
मेरा प्यारा मध्यप्रदेश, भारत का दिल है देखो। झीलों में चहकता पंछी, लोगों की मुस्कान को देखो। भोजपुर में शिवलिंग तो, बेतवा की धार भी देखो। भोज की प्रतिमा विराजित, बड़े तालाब ...
आओ सब मिलकर करें मतदान, भाग्य का खेले सही दांव। नेक इरादे न करें झूठे वादे, चुने हम ऐसा नेतृत्व अवतार। राष्ट्र की उन्नति का सपना जो देखे, जिसपर ना हो भ्रष्टता का घाव। मन साफ ह...
ठोकरें अपना काम करेंगी, तू अपना काम करता चल ... वो गिराएंगी बार बार, तू उठकर फिर से चलता चल ... हर वक्त, एक ही रफ्तार से, दौड़ना कतई जरुरी नहीं तुम्हारा ... मौसम की प्रतिकूलता हो, तो बेशक ...
मुझे भुलाने की कोशिशों में वो मेरे खत को जला रहे थे ओर उनके आँसुओ के गर्म क़तरे सुलगते हुवे खत को बुझा रहे थे मुझे ग़म की रातों की तन्हाइयों में वो मासूम चेहरा बहुत याद आया जब क...
तू हकीकत है सिर्फ मैं अहसास हूँ, तू समंदर तो मैं भटकी हुयी प्यास हूँ। खो जाऊँ इनमे लहरों की आग हूँ, किनारा ढूंढ़ता गजल का साज हूँ। तू जो सपने में आये मैं अहसास हूँ, दिल की राहे से ...
जिसने देखी कही ना ऐसी सीरत मन में बसी तुम्हारी मूरत, कितना भी लिख दे तुम पर , नारी हो तुम दुनिया से खूबसूरत। प्रकृति की अमूल्य कृति हो, तुम हो प्यार की मूरत जज्बातों से रिश्ता ...
देख,देख कर बाधाओं को पथिक न घबरा जाना सब कुछ करना सहन, कितुं मत पीछे पैर हटाना। परिवर्तन निश्चित है,बहिरे सुने,आँख अन्धे खोले सोने वाले उठें, सिपाही जागें सावधान हो लें। ...
तजुर्बे के मुताबिक़,,, खुद को ढाल लेता हूं,,! कोई प्यार जताए तो,,, जेब संभाल लेता हूं,,,!! नहीं करता थप्पड़ के बाद,,, दूसरा गाल आगे,,! खंजर खींचे कोई,,, तो तलवार निकाल लेता हूं,,,!! वक़्त था सांप...
वो काम भला क्या काम हुआ जिस काम का बोझा सर पे हो वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ जिस इश्क़ की चर्चा घर पे हो वो काम भला क्या काम हुआ जो मटर सरीखा हल्का हो वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ जिस...
विस्तृत मन के कोने में कुछ ख़्वाब अधूरे से ... धुंधली आशाओं के दामन में कुछ अहसास अधूरे से ... उम्मीदों की टूटन से गुज़रे कुछ विश्वास अधूरे से ... टूटे तारों, टूटी लय से बिखरे कुछ साज़ अ...
इस जीवन की चादर में, सांसों के ताने बाने हैं! दुख की थोड़ी सी सलवट है, सुख के कुछ फूल सुहाने हैं! क्यों सोचें आगे क्या होगा, अब कल के कहाँ ठिकाने हैं ऊपर बैठा वो बाजीगर, जाने क्या ...
आप जो मेरे ज़िन्दगी में, सबसे अमूल्य हो, निभाते चलते साथ कदम, बड़े अजीज हो। समय-समय पर आप मुझे, उचित मार्ग बताते हो, गिर के ठहर जाऊ तो, चलना मुझे सिखाते हो। सारथी मेरे कर्म मार्ग क...
हाइकु कहना तो था चुपचाप से मुझे दिल में जो था रो-रो के हाल क्यों बुरा किया तो बोल दे अब होश मुझे था संभाल हम लेते इतना भार मौजूदगी में तन्हा ना हम जीते था बुधू मन रोग लगे ना दुआ...