विस्तृत मन के कोने में

विस्तृत मन के कोने में
कुछ ख़्वाब अधूरे से ...
धुंधली आशाओं के दामन में
कुछ अहसास अधूरे से ...
उम्मीदों की टूटन से गुज़रे
कुछ विश्वास अधूरे से ...
टूटे तारों, टूटी लय से बिखरे
कुछ साज़ अधूरे से ...
अतीत के गलियारों में छुपते
कुछ राज़ अधूरे से ...
दिल की चौखट पर सज़ते
कुछ अन्दाज़ अधूरे से ...
करुणा के सागर में बहते
कुछ नवज़ात अधूरे से ...
चुपके से कानों में कहते
कुछ अलफ़ाज़ अधूरे से ...
माथे की शिकनों में दिखते
कुछ सवालात अधूरे से ...
अलमस्त बादलों से फ़िरते रहते
कुछ जज़्बात अधूरे से ॥

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