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नारी जो कभी ना हारी

नारी जो कभी ना हारी नारी जो कभी न हारी तुझसे है ये दुनिया सारी, हौसलों से उड़ान भरे तू लेके सबकी जिम्मेदारी। खोके अपनी पहचान किसी का तू जहां बनाती, नफरतों की आँधी में खुद को तू ना उलझाती। बदले तस्वीर विश्व की उम्मीदो की तू है झाँकी, नेतृत्व सर्वगुण सम्पन्न है आज सशक्त तू नारी। शौर्य विराट की मूरत जो कभी हिम्मत ना हारी, खोते अस्तिव के खातिर बन जाती लक्ष्मी रानी। नारी जो कभी न हारी तुझसे है ये दुनिया सारी, हौसलों से उड़ान भरे तू लेके सबकी जिम्मेदारी। बचपन में माँ बाबा संग खेल खेले खिलखिलाती, घर को रोशन करे हँसी लगता मानो हो आज दीवाली। माँ बाबा के घर की चिड़िया सबकी तू बिटिया प्यारी, परिवार में सबकी लाड़ली तू रमा और कल्याणी। सौन्दर्य की कौमुदी छाया लगती कभी तू दामिनी, क्लेश गृह से दूर करे जैसे लगती माँ दुर्गा भवानी। नारी जो कभी न हारी तुझसे है ये दुनिया सारी, हौसलों से उड़ान भरे तू लेके सबकी जिम्मेदारी। बिदा होते हर कदम पर नया आशियाना बनाती, ममता की झोली लेके माँ बन कभी लोरी गाती। पतिव्रता धर्म निभाये सिदत से बन सभ्य ग्रहिणी, आँसुओ से भीगे आँचल में दुख में निकले मधुर वाणी