देख,देख कर बाधाओं को पथिक न घबरा जाना
सब कुछ करना सहन, कितुं मत पीछे पैर हटाना।
परिवर्तन निश्चित है,बहिरे सुने,आँख अन्धे खोले
सोने वाले उठें, सिपाही जागें सावधान हो लें।
पं.श्रीराम शर्मा आचार्य
इस जीवन की चादर में, सांसों के ताने बाने हैं! दुख की थोड़ी सी सलवट है, सुख के कुछ फूल सुहाने हैं! क्यों सोचें आगे क्या होगा, अब कल के कहाँ ठिकाने हैं ऊपर बैठा वो बाजीगर, जाने क्या ...
*नशा मुक्ति स्लोगन* नशा नाश है,जीवन बहुत खास है। नही छुटा तो,शरीर ज़िंदा लाश है।। टूटते सपनें,कब गिर जाए अरमां है। लत लगी तो,पूरा जीवन सर्वनाश है।। रोज नशे के घुटके से,होश ...
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