देख,देख कर

देख,देख कर बाधाओं को पथिक न घबरा जाना
सब कुछ करना सहन, कितुं मत पीछे पैर हटाना।
परिवर्तन निश्चित है,बहिरे सुने,आँख अन्धे खोले
सोने वाले उठें, सिपाही जागें सावधान हो लें।
                            पं.श्रीराम शर्मा आचार्य

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