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तुमसे पहले कोई ना था

*तुमसे पहले कोई ना था* तुमसे पहले ज़िन्दगी में, एक कोरा कागज़ सा था। चलते चला समय का पहिया, कोई अपना मिला ना था। धीरे-धीरे दिल में जज्बातों का, कारवा निकल पड़ा था। तुमसे पहले कोई ना था। साथ बिताये हसीं पल का, मन में छाया जगाता। प्रेम की नैया में कोई डुबाता, दिल के घावों में मरहम लगाता। तुम जैसा कोई प्यारा साथी, तुमसे पहले कोई ना था। रुठ जाऊ तो मनाने वाला, पलकों में आँसुओ को छिपाना। शिकवे ना करके प्यार जताना, हँसते हुए मुझे गले लगाना। साथ निभाने की कसमें खाना, तुमसे पहले कोई ना था। खोये हुए उन लम्हों में जीना, कभी मुस्कराती बन के हसीना। हाथों में हाथ लिए तुम, खुशियों की सौगात लिए वक़्त.... थोड़ी शर्माती थोड़ी इठलाती, तुमसे पहले कोई ना था....।।। युवा कवि लिकेश ठाकुर