काम भला क्या काम हुआ
वो काम भला क्या काम हुआ
जिस काम का बोझा सर पे हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिस इश्क़ की चर्चा घर पे हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जो मटर सरीखा हल्का हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमे न दूर तहलका हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमे न जान रगड़ती हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमे न बात बिगड़ती हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमे साला दिल रो जाये
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो आसानी से हो जाये….
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