मुझे भुलाने की

मुझे भुलाने की कोशिशों में वो
मेरे खत को जला रहे थे
ओर उनके आँसुओ के गर्म क़तरे
सुलगते हुवे खत को बुझा रहे थे
मुझे ग़म की रातों की तन्हाइयों में
वो मासूम चेहरा बहुत याद आया
जब किसी ने न पोछे आंसू मेरे
तो मुझे तेरा दुपट्टा बहुत याद आया ।।

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