नशा नाश है

      *नशा मुक्ति स्लोगन*

नशा नाश है,जीवन बहुत खास है।
नही छुटा तो,शरीर ज़िंदा लाश है।।

टूटते सपनें,कब गिर जाए अरमां है।
लत लगी तो,पूरा जीवन सर्वनाश है।।

रोज नशे के घुटके से,होश में बेहोश है।
घर बर्तन बिक गये,दिखावे का जोश है।।

गांजा बीड़ी तम्बाकू,मन को करो काबू।
गुटका शराब ड्रग,परिवार के बड़े डाकू।।

घर की इज्ज़त जब,होये बाहर नीलामी।
पुलिस के डंडों से,सड़कों में मिले सलामी।

अपराध नशा का,सच में पहला पड़ाव है।
रूक चला सही समय में,सुकून की छांव है।
                     @लिकेश ठाकुर

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