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सर्द हवाएं

सर्द हवाऐ ये सर्द हवाऐ, रूक जरा तू!! ओढ़ लू  कुछ गर्म कपड़े, बहती बड़े शिद्दत से तू, काँपते मेरे फेफड़े। सांस लेने में कठिनाई, सर्द तू बहुत मुझमें समाई। छोड़ ना पाऊं मैं रजाई, सबके हैं यहीं दुखड़े। बूढ़ों को तुम तंग करती, बच्चों के फटते मुखड़े, ठंडा पानी लगता बर्फ़ सा, घास में सजी ओंस की बूंदें। ये सर्द हवाऐ रूक जरा तू!!

इन आँखों में सिर्फ़

इन आँखों में सिर्फ,इक वहीं बसी है, वो मेरी महबूबा नहीं,मेरी मंज़िल बसी है। राहे बहुत कठिन है उससे मिलने की, उसके दीदार को,आँखे दिन-रात जगी है। इन आँखों में पहली मूरत,मेरे सांसो...

अब कोई गिला नहीं

अब कोई गिला नहीं, ओंठो को सिला नहीं, मनभेद तो हो जाता है। करकें मिन्नतें अपनों से, सबसे प्यारा रूठ जाता है। रोग शिकायत का लगा नहीं, शिकवा मन में पला नहीं, समझा-समझाकर इंसान, कुछ...

दीपावली का त्यौहार

दीपावली का त्यौहार ख़ूब मस्ती,दादी हँसती, होती चेहरे पर मुस्कान। छिपा बुढ़ापे की झुर्रियां, दादा-दादी लगें जवान। सालभर में एक बार आता, दीपावली का त्यौहार। अम्मा नानी जोर से ...

मन के रावण को आज तक

पुतलों के ही दहन का, बढ़ने लगा रिवाज। मन के रावण को आज तक, जला न सका समाज। अत्याचार की आँधी से, बच न सका इंसान। लोहित शस्त्र से ख़ुद को, मारने लगा ईमान। सच्ची घटना अनजान कर, फैला र...

दसमुख रावण मन

दसमुख रावण मन, मुखुटे कब हटाओगे, मन में कुंठा पाल के, ख़ुद कब हर्षाओगे। जो नसीब में लिखा, शून्य सा बैठ जाओगे। सुरमयी पथ निर्माण का, कब स्वप्न सजाओगे। दर्द रात की बेबसी को, ख़ुद क...

कैसी उधेड़बुन है,मन की अजीब धुन हैं।

कैसी उधेड़बुन है,मन की अजीब धुन है। चलते रहना ज़िन्दगी,तुझमें बड़ा सुकून है। खो चुकी आस तो,दिल क्यों?मजबूर है। मिले जो रास्ते में,ज़िन्दगीका सफर शुरू है। दर्द के साये है,ग़मों के ...

तेरे नयनों पर किया भरोसा

तेरे नयनों पर किया भरोसा, दोनों ही झूठे निकले। लबों की हो गयी धोखेबाज़ी, सपनें भी कोरे निकले। फ़िदा हुये तेरे हँसने पर, चेहरे के भाव नकलीनिकले। अश्कों से बहती हुयी धारा, ग़म हव...

रावण अब मरेगा

रावण अब मरेगा हो चुका उदघोष यहाँ पर, रावण अब मरेगा, करके अपनी मनमानी से, रावण अब जलेगा। राम राज की शुरुआत पर, जाति भेद हरेगा। कितने झूठे-झूठे वादे से, दिल कब पसीजेगा। केवट सा क...

कौन समझें दुख हमारे

कौन समझें दुख हमारे कौन समझें दुख हमारे, कहाँ खो गए पालनहारे। मीरा दीवानी,राधा पुकारे, सास्वत मूरत ईश्वर हमारे। द्वार में आऊँ साँझ सकारे, मन्नतें माँगे हम भक्त तुम्हारे। ...

यूँ ही तन्हा जीने से

यूँ ही तन्हा जीने से,उदासी कम नहीं होती, राह गुज़र जाने से,परेशानी दूर नहीं होती। कठोर तप्त हौसलों की,उड़ान नहीं रुकती, शार्गिद बन सीखने से,कमान नहीं रूठती। साधनों के तालमेल स...

देखो!देखों!! मेरे महात्मा गाँधी

देखों!देखो!! मेरे महात्मा गाँधी, देश में चल रही, विकास की आँधी, कोई शेर आ गया है, आप सा ही हैं गुजराती। तेज इंटरनेट और अभिव्यक्ति की आज़ादी, शांत है जन्नत अब कश्मीर की वादी। देखो!...