कौन समझें दुख हमारे

कौन समझें दुख हमारे

कौन समझें दुख हमारे,
कहाँ खो गए पालनहारे।
मीरा दीवानी,राधा पुकारे,
सास्वत मूरत ईश्वर हमारे।
द्वार में आऊँ साँझ सकारे,
मन्नतें माँगे हम भक्त तुम्हारे।
तुम ही अल्लाह यीशु हमारे,
जीवन में भरे तू उजियारे।
साहस मन में तुम्हीं तो डाले,
गिरते अरमान तू ही संभाले।
तुम ही साथी तुम्हीं सहारे,
अदभुत शक्ति चरण पखारे।
माँ तू जननी दुख को हारे,
मानवता तू इंसान में बसाऐ।
तुम ममता तेरे हम प्यारे,
जल्दी से आ मन ना हारे।
कौन समझें दुख हमारे,
कहाँ खो गए पालनहारे।
✍️लिकेश ठाकुर

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