जिंदगी तू जिये जा

कविता
ज़िंदगी तू जिये जा,
मत हार तू हिम्मत।
हौसलों के पंखों से,
उड़ानों की कर मन्नत।
एक दिन जरूर आयेगा,
वक़्त तुझे हंसाएगा।
रोशनी से हो रूबरू,
जो सोचा कर शुरू।
ये गम खुशी के कुंड में
पहचान बना इस झुंड में।
अकेला ही लड़ना पड़ेगा,
बाधाओं से निकलना पड़ेगा।
चमक सितारों सा गगन में,
जी तू ज़िन्दगी मस्त मगन में।
कभी हार पर रूक नहीं,
मंजिल न  मिले दुख नहीं।
खिलखिला मासूम बच्चों सा,
चिंतन कर चिंता नहीं।
घोल मिठास सुर में,
जोश बढ़ा जुनून से।
राहे जब भी कठिन लगे,
जीतना हर हाल ठान ले।
कवि
लिकेश ठाकुर

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