अस्पताल चाहिए

मंदिर मस्जिद न गिरजाघर चाहिए,
देश को सबसे अच्छा अस्पताल चाहिए।
सोना की मूर्तियां न बूलेट ट्रैन चाहिए,
खाने के लिये गरीब को रोटी चाहिए।
वादे झूठे न आरोप-प्रत्यारोप चाहिए,
कुछ विकास कर सके ऐसा नेता चाहिए।
सब हो निर्भय सभ्य समाज चाहिए,
भेदभाव मुक्त हमें ये संसार चाहिए।
रोटी खाना और कपड़ा मकान चाहिए,
कोई ना मरे किसान ऐसा वादा चाहिए।
रंजिशों की गलियों में भाईचारा चाहिए,
इर्द दीवाली मनाये कोई दिलवाला चाहिए।
बढ़ते रहे कदमों सा इक भाला चाहिए,
ढ़ोंग,झूठ का कोई ना बोलबाला चाहिए।
मज़हबी अंधविश्वास का देश निकाला चाहिए,
शिक्षा हो सर्वश्रेष्ठ ऐसी शाला चाहिए।।
✍️लिकेश ठाकुर
https://likeshthakur.blogspot.com

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