दर्द सबकों होता हैं

दर्द सबकों होता हैं

कोई यहाँ सुकून के आँसू बहाता हैं,
तो कोई यहाँ गम में चूर हो जाता हैं।
मिलते ही पराये यहाँ अपना हो जाता हैं,
कोई नम आँखों से झूठा मुस्कुराता हैं।
अंजान बनते यहाँ दर्द सबकों होता हैं।
कोई ज़ख्म छुपाता मरहम कोई लगाता हैं,
मिलते ही साथ किसी का वक़्त कट जाता हैं।
हवाओं सी किसी की राहें जुदा हैं,
किसी को मानता कोई शख्स ख़ुदा हैं।
झुठी आस कहीं मिलती दिलासा हैं,
उड़ते पँछी से सपनों की आशा हैं।
कितना भी कोई क्यों न छुपाता हैं,
इंसान सभी यहाँ दर्द सबकों होता हैं।
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