ज्ञान प्रकाश की मूरत शिक्षक
ज्ञान प्रकाश की मूरत
शिक्षक
ज्ञान प्रकाश की मूरत को,
शत-शत नमन हमारा।
बच्चों के भावी भविष्य को,
शिक्षक ही सजाता है।
उचित अनुचित फर्क को,
शिक्षक हमें बताता।
शिष्यों को सही शिक्षा,
शिक्षक ही दे पाता है।
उच्च शिखर पर शिष्य को,
शिक्षक ही चढ़ाता।
बच्चों के भविष्य में,
नई रोशनी लाता है।
शिष्य को हरपल शिक्षक
जीने की राह दिखाता।
असफल होते जब काम मे,
अफ़सोस भी जताता।
सभी गुणों से पूरित गुरुवर,
जलता खुद हमें बचाता।
सफलता की नई मंज़िल में,
चढ़ना भी सिखाता।
दीपक जैसा जलता लेकिन,
आईना समाज को दिखाता।
त्याग की मूरत धरती में,
नभ सा छा जाता है।
ज्ञान प्रकाश की मूरत को,
शत-शत नमन हमारा।
बच्चों के भावी भविष्य को,
शिक्षक ही सजाता है।।
✍🏻 कवि/शिक्षक
लिकेश ठाकुर
सभी शिक्षक को समर्पित📚
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें