जीवन मेरा उपकार भरा है

जीवन मेरा उपकार भरा है,
अपनों का भार उठाने को।
मुश्कान लिए मुश्किल में होता,
अपना कोई मुझे उठाने को।
जिजीविषा देख मेरी उम्मीद लिए बैठा है,
करता रहा समर्पण मैंने कितनों का अहसान है।
भला किया जो करने वाला दुआ देता महान को,
चाह मेरी राह बनती खोती हुईं पहचान को।
उठा गिरा कदमों के बल पर संघर्ष से भरा जीवन,
नव चेतन उमंग फिर से प्रारंभ करता मेरा मन।
उपकार न होता मेरे जीवन मे न होता सफल,
जब जब मुकाम करू हासिल याद रहे वो क्षण।

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